गोरखपुर–गोंडा रूट पर बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड! अंडरपास और सेफ्टी फेंसिंग से मिलेगी बड़ी राहत
26 स्थानों पर बनेंगे पैदल अंडरपास
इस रूट पर कुल 26 लोकेशनों पर पैदल अंडरपास तैयार किए जाएंगे. एक जगह काम शुरू भी हो गया है और बाकी स्थानों पर भी जल्द शुरुआत होगी.इन अंडरपासों पर वाहनों की अनुमति नहीं होगी, सिर्फ पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से गुजर सकेंगे. इन सभी अंडरपासों को बनाने में करीब 114 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
किन जगहों पर होगा काम?
उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर–गोंडा रूट के कई घनी आबादी वाले स्टेशन और गांवों पर ये अंडरपास निर्मित किए जाएंगे. इनमें जगतबेला, सहजनवा, खलीलाबाद, मुंडेरखा, चुरेब सहित कुल 26 स्थान शामिल है. फेंसिंग के कारण गांवों के लोग सीधे ट्रैक पार नहीं कर पाएंगे, इसलिए अंडरपास इस रूट की सबसे ज़रूरी जरूरत बन गए हैं.
ट्रैक किनारे मजबूत सेफ्टी फेंसिंग
रेल ट्रैक के दोनों ओर डब्ल्यू-बीम मेटल टाइप सेफ्टी फेंसिंग बनाई जा रही है. पूरा प्रोजेक्ट 213.98 करोड़ रुपये का है. गोरखपुर–बाराबंकी खंड के बड़े हिस्से में काम पूरा. बाकी क्षेत्र में तेजी से कार्य जारी. यह फेंसिंग पशुओं और अनावश्यक लोगों की ट्रैक पर आवाजाही रोकने के लिए लगाई जा रही है.
दुर्घटनाओं में होगी कमी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि " ट्रैक पर अक्सर अचानक पशु आ जाने से ट्रेनें बाधित होती हैं. इससे दुर्घटनाएं भी बढ़ती थीं और ट्रेनों की गति भी रुक जाती थी.
यह भी पढ़ें: UP Panchayat Chunav 2026: ग्राम प्रधान अब चुनाव में इतना कर सकेंगे खर्च, देखें नई गाइडलाइनफेंसिंग लगने से ट्रैक पर पशु नहीं पहुंच पाएंगे, अतिक्रमण भी नियंत्रित रहेगा, ट्रेनें अपने तय स्पीड पर बिना रुकावट चल सकेंगी. इसी के साथ, ग्रामीणों को कोई परेशानी न हो, इसलिए अंडरपासों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है."
गोरखपुर–गोंडा रूट पर यह नया परिवर्तन सुरक्षा, सुविधा और रेल संचालन—तीनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. आने वाले महीनों में इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार तो बढ़ेगी ही, साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रास्ते भी अधिक सुरक्षित और आसान हो जाएंगे.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।
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