यूपी में ऑटो, ई-रिक्शा और कैब चालकों को करना होगा यह काम, प्रशासन सख़्त

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चलने वाले ई-रिक्शा, ऑटो, ओला, ऊबर और रैपिडो जैसे लगभग 70 हजार वाहनों में अब ड्राइवर का नाम और मोबाइल नंबर साफ-साफ हिंदी में लिखा होना अनिवार्य कर दिया गया है. ये जानकारी वाहन के अंदर ऐसी जगह पर होनी चाहिए, जहां पैसेंजर आसानी से उसे देख सके.
यह कदम विशेष रूप से उठाया गया है क्योंकि हाल ही में कई चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं. 22 मार्च को वाराणसी से लौटी एक महिला का लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन से ऑटो ड्राइवर ने अपहरण कर लिया और फिर मलिहाबाद में उसकी हत्या कर दी गई थी. बाद में पुलिस ने उस ड्राइवर को मुठभेड़ में मार गिराया. ऐसे कई मामलों ने यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे.
अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि हर ई-रिक्शा, ऑटो, कैब या बाइक टैक्सी (जैसे रैपिडो) में ड्राइवर का नाम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर हिंदी में लिखा होना चाहिए. यह जानकारी वाहन के अंदर पीछे की ओर या ऐसी जगह पर लगानी होगी जहां यात्री आसानी से देख सकें.
अगर वाहन में नाम और मोबाइल नंबर नहीं लिखा मिला तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. यह नियम 1 अगस्त से लागू किया जाएगा और उसकी निगरानी शुरू कर दी जाएगी. ड्राइवर और वाहन मालिकों को इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.
एआरटीओ (प्रवर्तन) राजीव बंसल ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि जिन वाहन मालिकों या चालकों द्वारा यह नियम नहीं माना जाएगा, उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. नियम को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. इसके बाद पहली अगस्त से इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी.
यह निर्णय राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के आदेश के बाद लिया गया है. 26 मई को उन्होंने सुझाव दिया था कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर की जानकारी वाहन में दिखाई जानी चाहिए, जिससे दिन-रात किसी भी समय यात्रा करने पर महिलाएं सुरक्षित रहे.