कमजोर होता रूपया, धड़ाम होता शेयर बाजार

एक तरफ जहां देश में जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir ) के निर्णय को लेकर उत्साह का वातावरण है वहीं औद्योगिक क्षेत्रों में मंदी की आहट खतरनाक संकेत है, मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स (Bse sensex) 600 से ज्यादा पॉइंट्स लुढ़क गया, जबकि निफ्टी (nifty) में भी 184 अंकों की गिरावट देखने को मिली । सेंसेक्स (sensex) 36,958 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 1.65 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 10,926 के स्तर पर बंद हुआ। लुढ़कने वाले शेयरों में यस बैंक, बजाज फाइनैंस, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, मारुति, भारती एयरटेल और एचडीएफसी जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर प्रमुख रूप से शामिल थे। शेयर मार्केट (share market) में अफरा तफरी के अन्य अन्तर्राष्ट्रीय कारण भी है किन्तु केन्द्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर विकास का जो संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहती है यदि स्थितियों को समय रहते न संभाला गया तो हालात बिगड़ सकते हैं। ऐसा इसलिये भी क्योंकि भारतीय करंसी (indian currency) भी लगातार कमजोर हो रही है। फिलहाल रुपया, डॉलर (rupee and dollar) के मुकाबले 71.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यह बीते 6 महीने में रुपये का सबसे निचला स्तर है। अच्छा हो कि वित्त मंत्री (finance minister) इन स्थितियों से निपटने के लिये प्रभावी पहल करें।