'छापने' पर 'छापे' से नहीं लग सकती है पाबंदी, सवालों के जवाब दे सरकार
दैनिक भास्कर, भारत समाचार और हर्रैया के विधायक अजय सिंह पर छापे के क्या हैं निहितार्थ?

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यदि आप सरकार और भाजपा के साथ नहीं हैं तो
लोग कहने लगे है कि यदि आप सरकार और भाजपा के साथ नहीं हैं तो इसकी कीमत किसी भी रूप में चुकानी पड़ सकती है. क्या देश को इसी अच्छे दिन का इंतजार था. सरकार जनता के सवालों से आज तो बच सकती है किन्तु मौन जनता जब अपना फैसला सुनायेगी तो ....?
इसे बार-बार स्मरण रखना होगा कि लोकतंत्र की असली शक्ति जनता में निहित है और उसके लोकतांत्रित अधिकारों की रक्षा करना माध्यम जगत का धर्म है. पत्रकारिता जब अंग्रेजी हुकूमत से नहीं डरी तो आज भी वह सत्ता प्रतिष्ठान के भय से भयभीत होने वाली नहीं है. अच्छा हो कि सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे.
साथ ही यह भी जान लें कि इतिहास बिना संघर्षो के नहीं बनता, सच कहने की कीमत चुकानी पड़ती है. राजा प्रजा को समाप्त नहीं कर सकता किन्तु प्रजा में राजा को समाप्त करने की शक्ति होती है. इस सच को न भूलें.
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About The Author

प्रदीप चंद्र पाण्डेय, भारतीय बस्ती समाचार पत्र के संपादक हैं. वह बीते 30 सालों से ज्यादा समय से पत्रकारिता में सक्रिय है.