राम प्रसाद चौधरी से लिया जा रहा है बदला? जानें शस्त्र लाइसेंस निलंबित होने पर क्या बोले पूर्व मंत्री

शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड होने पर बोले राम प्रसाद चौधरी- बौखलाहट में प्रशासन ले रहा फैसले

राम प्रसाद चौधरी से लिया जा रहा है बदला? जानें शस्त्र लाइसेंस निलंबित होने पर क्या बोले पूर्व मंत्री
Ram Prasad Chaudhary basti

-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती
. पूर्वांचल में कद्दावर कुर्मी छत्रप के नाम से राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी (Ram Prasad Choudhary) ने दावा किया है कि उनके परिवार के शस्त्र लाइसेंस निलंबित इसलिए किए गए हैं क्योंकि उन्होंने मजबूती से जिला पंचायत चुनाव की लड़ाई लड़ी. चौधरी ने दावा किया कि शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर के उनसे निर्विरोध चुनाव ना होने का बदला लिया जा रहा है. चौधरी ने बुधवार को कहा कि बीते जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव (zila panchayat chunav basti) में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार वीरेन्द्र चौधरी का नामांकन हो जाने से भाजपा प्रत्याशी का निर्वाचन निर्विरोध नहीं हो सका था. उन्होंने कहा कि जिससे सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधि बौखला गये और उन्होंने प्रशासन पर दबाव बनाकर न सिर्फ उनके घर पर पुलिस का पहरा बैठाया बल्कि सपा उम्मीदवार तथा समर्थक व प्रस्तावको को तलाशने के लिए तमाम तरह की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही भी की गयी.  

चौधरी ने दावा किया कि इसी बौखालाहट में शासन सत्ता के इशारे पर जिला प्रशासन ने उनके साथ साथ बेटे कविन्द्र उर्फ अतुल चौधरी, व उनकी पत्नी कपूरा देवी का शस्त्र लाइसेन्स विभिन्न राजनैतिक मुकदमों का हवाला देकर निलम्बित कर दिया गया. जबकि सत्ताधारी दल के सांसद व विधायको पर कई संगीन मामलो में अभियोग पंजीकृत होने के बाद भी उनके शस्त्र लाइसेन्स न तो निरस्त किये गये और न ही निलम्बित करने की कोई नोटिस ही दी गयी. पूर्वांचल में कद्दावर कुर्मी छत्रप के नाम से राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी ने व्यक्त किया. 

टेलीग्राम पर भारतीय बस्ती को करें सब्सक्राइब - यहां करें क्लिक
व्हाट्सऐप पर भारतीय बस्ती को करें  सब्सक्राइब - यहां करें क्लिक
ट्विटर पर भारतीय बस्ती को करें फॉलो - यहां करें क्लिक
फेसबुक पर भारतीय बस्ती को करें लाइक - यहां करें क्लिक

अपने आवास पर मीडिया से रूबरू हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी ने कहा कि उनका लम्बा राजनैतिक इतिहास रहा है. जितने लम्बे समय से वह राजनीति में सक्रिय है, उतने समय से कुछ गिने चुने राजनेता की ही सक्रियता है. उन्होंने कहा कि 1989-90 के लोक सभा चुनाव में जनता के आशीर्वाद से वह पहली बार देश की सबसे बड़ी पंचायत लोक सभा में पहुंचे थे. इसके बाद 1993 से लेकर 2017 तक लगातार उत्तर प्रदेश की विधानसभा कप्तानगंज का उन्होने पांच बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया.

Read the below advertisement

उन्होंने कहा कि  1980 से लगातार राजनैतिक जीवन में वह नियमित जनता के साथ खड़े होकर सड़क से लेकर सदन तक उनकी आवाज को बुलंद करते रहे है. लेकिन जिस तरह का आरोप लगाकर उनका व उनके परिवार के लोगो का शस्त्र लाइसेन्स निरस्त किया गया यह पूरी तरह से सत्ता पक्ष द्वारा बदले की भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि 26 जून 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष का नामांकन था. जिसमें सपा उम्मीदवार वीरेन्द्र चौधरी का नामांकर उनके देखरेख में हुआ. जब दाखिले के बाद पर्चा  वैध हो गया तो सपा के उम्मीदवार समर्थक, प्रस्तावक के अलावा पार्टी के जिलाध्यक्ष तथा उनके आवास पर तमाम तरह की उत्पीड़ात्मक कार्यवाहियां की गयी.

चौधरी ने कहा 27 जून को पूरे 24 घण्टे पार्टी उम्मीदवार के ईंट भट्टे से लेकर उनके आवास को छावनी में तब्दील रखा गया. जब पर्चा नही उठा और भाजपा का उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित न हो सका तो शासन सत्ता से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने प्रशासन पर दबाव बनाकर 28 जून को मेरे साथ-साथ मेरे बेटे कविन्द्र चौधरी व पत्नी कपूरा देवी का शस्त्र लाइसेन्स जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निरस्त कर दिया गया. 

On

ताजा खबरें

यूपी के इन गांवों से इन शहरों की केनेक्टिविटी होगी बेहतर, UPSRTC चलाएगा बस, देखें लिस्ट
मुंबई इंडियंस की बदकिस्मती जारी! सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भी पहला मैच हारी टीम
320 करोड़ की लागत से यूपी में यहां बनेगा रेलवे ओवरब्रिज
यूपी का यह रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट के तर्ज पर हो रहा तैयार
एमएस धोनी ने दीपक चहर को बल्ला मारा, तस्वीर हुई वायरल!
यूपी में विकास प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन, बस्ती के 4 गाँव के किसानों ने डीएम को दिया ज्ञापन
यूपी में सहकारी समितियों की बढ़ी लिमिट, मुख्यमंत्री योगी ने किया ऐलान
IPL 2025: ईशान किशन का बड़ा पलटवार! पहले ही मैच में ठोका तूफानी शतक, BCCI को दिया करारा जवाब
यूपी में वापस होगी बच्चों की फीस! बनी दो सदस्यों की कमेटी, करेगी निजी स्कूलों के अकाउंट्स की जांच
यूपी में इन गाँव की जमीन को लेकर बड़ी खबर, इस वजह से लगी रोक