Basti News: बस्ती के अवैध कब्जों पर कब चलेगा बुलडोजर!
Basti News In Hindi: - शहर के तालाबों को पाट कर बने है आलीशान मकान - ताल-पोखरों पर कब्जे से जलस्तर हुआ नीचे
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. भूमाफियाओं ने ताल-पोखरों की जमीन कब्जा कर उन पर बहुमंजिली इमारतें खड़ी कर दी है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राजस्व विभाग के जिम्मेदार इस तरफ से आंखें मूंदे हुए है. जनता के बीच अब सवाल उठने लगा है की बस्ती में हो रहे अवैध कब्जों पर बाबा का बुलडोजर कब चलेगा..?
लोगों की मानें तो शहर के ताल-पोखरों को पाट कर उन पर इमारतें खड़ी कर देने वाले लोगों को राजस्व विभाग की शह मिली हुई है. ताल-पोखरों की जमीन को नम्बर का बताकर उन्हें सिस्टम में ले आया जाता है. फिर उन पर धीरे-धीरे नगर पालिका का कूड़ा इत्यादि गिराकर पाटा जाता है. अचानक से कुछ लोग आते है और वहां निर्माण शुरू करने लगते है. देखते ही देखते उस जगह पर बहुमंजिला मकान बन कर तैयार हो जाता है.
शहर के नेबुड़वाताल, महदोंताल, मनहनडीह के तालों पर कब्जेदारों ने तालाबों पर आलीशान मकान और व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर ली है. मनहनडीह में जिला अस्पताल के बगल में सड़क किनारे स्थित तालाब पर नगर पालिका का कूड़ा फेंक कर कब्जा किया जा रहा है. उसी के बगल गढ्ढे में निर्माण कार्य चल रहा है. मनहनडीह के तालाब के गढ्ढे में पीलर पर खड़े तमाम निजी अस्पतालों को संचालित होते हुए साफ देखा जा सकता है. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की शहर के तालाबों पर भूमाफियाओं की नजर लग चुकी है.
पर्यावरण प्रेमियों की मानें तो ताल-पोखरों पर कब्जा करने से जलस्तर नीचे जा रहा है. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही शहरी क्षेत्र के नलों का पानी सूखने के कगार पर है. बचे-खुचे छोटे ताल-पोखरे सूख चुके है. ऐसे में गर्मी के उफान पर पहुंचने पर जल संकट और बढ़ेगा. ताल-पोखरों पर कब्जेदारी की बढ़ रही घटनाओं से बरसात का पानी इकट्ठा नहीं हो रहा है. जिससे जलसंकट बना हुआ है.
बरसात में बारिश का पानी जलाशयों में न जाकर सड़कों पर पसरा रहता है. जिससे लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है. जिम्मेदारों का मौन इस पर कब टूटेगा ये सवाल लोगों के जहन में है. मगर उन्हीं लोगों के मन में ये बात भी चल रही है की बाबा का बुलडोजर आये और इस समस्या से निजात दिलाए.