Mahadeva Election Result: महादेवा विधानसभा में 65 सालों बाद टूटा यह इतिहास!
बस्ती. महादेवा विधानसभा सीट. यह कोई वीआईपी सीट नहीं है, लेकिन इस पर निगाह सबकी रही है. कारण वर्ष 1952 से लेकर 2017 तक का इस सीट का चुनावी इतिहास रहा है. 1952 से पिछले विधानसभा चुनाव तक इस सीट से जिस पार्टी को जीत मिली, प्रदेश में सरकार उसी पार्टी की बनती रही. यह पहला मौका है जब ऐसा नहीं होगा. इस बार महादेवा सीट से सुभासपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है, लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बनने जा रही है. साथ ही इस सीट से अब तक किसी भी उम्मीदवार को लगातार दो बार जीत नहीं मिली. यह परंपरा इस बार भी कायम रही.
महादेवा विधानसभा सीट पर 1952 से 1974 तक कांग्रेस के प्रत्याशी जीतते रहे. इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही. वर्ष 1977 में कांग्रेस हार गई. जनता पार्टी के उम्मीदवार गिरधारी लाल विजयी हुए. तब प्रदेश में सरकार भी जनता पार्टी की बनी. 1979 और 1984 में कांग्रेस को जीत मिली और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. 1989 में परिवर्तन की आंधी में इस सीट से जनता दल के रामकरन आर्य विधायक बने. तो प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी. 1991 में भाजपा से वेद प्रकाश जीते और कल्याण सिंह के नेतृत्व में पार्टी की सरकार बन गई. 1993 में सपा की टिकट पर रामकरन की साइकिल दौड़ी तो सत्ता सपा को मिल गई.
1996 में बसपा के वेद प्रकाश चुनाव जीते तो प्रदेश में मायावती के नेतृत्व में उनकी पार्टी की सरकार बन गई. 2002 में सपा प्रत्याशी राम करन चुनाव जीते. सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन भाजपा व बसपा ने मिलकर सरकार बना ली. यह सरकार कुछ ही महीने चल सकी और फिर सपा की सरकार बन गई.
वर्ष 2007 में महादेवा सीट से बसपा के दूधराम विजयी हुए और प्रदेश में मायावती की सरकार बनी. 2012 में यहां की जनता ने रामकरन को सिर आंखों पर बिठाया तो सत्ता सपा को मिल गई. 2017 में भाजपा के रवि सोनकर को जीत मिली और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी.
इस बार इस सीट पर इतिहास अपने आप को दोहराने में नाकाम रहा है. इस सीट से सुभासपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी दूधराम को जीत मिली है, लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बनने जा रही है.