UP Election 2022: मोबाइल तक न चला पाने वाले नेता चुनाव में कैसे करेंगे प्रचार
- वर्चुअल तरीके से प्रचार के फरमान पर संकट में फंसे नेता - परंपरागत प्रचार करने वाले नेताओं के लदे दिन - मोबाइल चलाने वाले युवाओं की चांदी
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. चुनाव आयोग ने कोरोना संकट को देखते हुए रैली, जूलूस, भीड़ लगाकर प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी है. अब नेताओं और राजनीतिक दलों को वर्चुअल तरीके से प्रचार करना पड़ेगा. वर्चुअल तरीके के प्रचार में टीवी, मोबाइल, एलईडी जैसे प्रचार माध्यमों से चुनाव में अपनी बात रखनी होगी.
इस वर्चुअल माध्यम से प्रचार से सबसे ज्यादा संकट उन नेताओं को है जिन्हें अपना मोबाइल तक ठीक से चलाना नहीं आता. राजनीतिक दलों को आइटी विशेषज्ञों की जरूरत पड़ रही है. अब तक आइटी सेल पर जमकर निशाना साधने वाले नेताओं को उसी आइटी के सामने नतमस्तक होना पड़ रहा है.
परंपरागत तरीके से प्रचार कर अब तक अपनी चुनावी वैतरणी पार करने वाले नेताओं को इस बार संकटों के दौर से गुजरना पड़ रहा है. ढर्रे की राजनीति से इतर अब आभासी माध्यमों से अपनी बात जनता के सामने रखनी होगी. ढंग से भाषण तक न दे पाने वाले नेताओं को टेलीविजन और मोबाइल पर बोलकर जनता तक अपनी बात पहुंचानी होगी.
पहली बार हो रहे इस अनूठे चुनाव में प्रचार तंत्र आभासी होगा. सोशल प्लेटफार्म पर अपनी बात रखकर जनता तक अपनी बात पहुंचानी होगी. अब तक रैलियों में नेताओं के भाषणों को सुनने की आदी जनता को टेलीविजन, मोबाइल, एलईडी जैसे तरीकों से भाषणों को सुनना पड़ेगा. जो सबसे अच्छा और लच्छेदार बोलेगा और जनता के बीच अपनी बात रखेगा. वही जनता द्वारा चुना जाएगा.
प्रचार माध्यम में चुनाव आयोग द्वारा जारी सिर्फ पांच लोगों से प्रचार करने के फरमान ने नेताओं को पसीना छुड़ा दिया है. ऐसे में वर्चुअल माध्यम से अपनी बात जनता के सामने रखना और फिर जनता के बीच पहुंचना टेढ़ी खीर होगी.