Madhya Pradesh News: मंदिर के पुजारी को चढ़ोतरी में हिस्सा क्यों?
जबलपुर. मैहर स्थित शारदा मंदिर में अवैध रूप से काबिज पुजारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किए गए आवेदन में कहा गया था कि मंदिर के पुजारी को चढ़ोतरी में हिससा दिया जाता है. नियमानुसार उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाना चाहिए था. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ की अध्यक्षता वाली युुगलपीठ ने इस संबंध में अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. यह मामला याचिकाकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया था कि राजा मैहर ने शारदा मंदिर में शारदा प्रसाद पांडे को उनके जीवन काल तक पुजारी नियुक्त किया था. उनके बाद उनका बेटा देवी प्रसाद पांडे अवैध रूप से पुजारी के पद पर बैठ गया.
आरोप है कि पुजारी बनने के बाद उसने मंदिर परिसर में अवैध रूप से कब्जा शुरू कर दिए. इसके अलावा श्रद्धालुओं से दान की राशि लेकर खुद रखने लगा. इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने कलेक्टर सतना को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर तहसीलदार द्वारा जांच की गयी थी. जांच में याचिकाकर्ता के आरोपों को सही पाया गया था. याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किए गए आवेदन में कहा गया था कि मंदिर के पुजारी को चढ़ोतरी में हिस्सा दिया जा रहा है. नियमानुसार पंडित को प्रतिमाह वेतन दिया जाना चाहिए था. युगलपीठ ने आवेदन की सुनवाई करते हुए जवाब पेश करने के निर्देश जारी किये हैं. याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत ने पैरवी की.