तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट, सोयाबीन दाने के भाव में सुधार
नई दिल्ली बेपड़ता कारोबार की वजह से आयातित तेल के दाम कम होने के कारण देश भर के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट रही जबकि कम भाव में बिकवाली नहीं किये जाने से सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया. सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए.
बाजार सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विन्टल के भाव पर खरीद रहे हैं जिससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया. मिल वालों को सोयाबीन का कारोबार बेपड़ता बैठता है
और बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ता है. यानी मिल वालों, संयंत्रों, आयातकों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि अपनी खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65 प्रतिशत आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेलों की बिक्री क्यों करनी पड़ रही है?
उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि मिल वालों को विदेशों से आयात करने पर सीपीओ मुनाफा जोड़कर 111 रुपये प्रति किलो का भाव पड़ता है जबकि बाजार में इसका भाव 108 रुपये प्रति किलो है. पामोलीन के मामले में भी यही स्थिति है
जहां लागत के मुकाबले बाजार भाव 4-5 रुपये प्रति किलो अधिक है. ऐसी स्थिति में आयातक बदहाल हैं.
उन्होंने बताया कि बेपड़ता कारोबार की वजह से कपास की 50 प्रतिशत तेल मिलें बंद हो चुकी हैं. बिनौला के दाने को ऊंचे भाव पर खरीदना पड़ता है जबकि बिनौला तेल और खल का भाव बाजार में सस्ता है. सूत्रों के अनुसार तेल आयातक रोज की मंदा और तेजी से परेशान हैं.
दूसरा बेपड़ता कारोबार की मजबूरी उन्हें परेशान किए हुए है. इससे आयातकों द्वारा कारोबार के लिए बैंकों से लिया कर्ज के डूबने का खतरा बढ़ता जा रहा है जो बैंकों में अपनी ऋण लिमिट घुमाने के लिए बेपड़ता कारोबार का सहारा ले रहे हैं.
कुछ समय पूर्व स्टॉक लिमिट लागू होने की चर्चाओं के बीच व्यापारियों, तेल मिलों और किसानों ने सरसों के अपने सारे स्टॉक को खाली कर दिया था. इस वजह से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई. सरसों की उपलब्धता काफी कम हो गयी है
और इसकी अगली परिपक्व फसल आने में अभी दो-ढाई महीने की देर है.
(भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 8,500 - 8,525 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये.
मूंगफली - 5,675 - 5,760 रुपये.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 12,540 रुपये.
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,840 - 1,965 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,265 -2,590 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,645 - 2,755 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,700 - 18,200 रुपये.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,780 रुपये.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,450 रुपये.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,400
सीपीओ एक्स-कांडला- 10,750 रुपये.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,450 रुपये.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,200 रुपये.
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,150 (बिना जीएसटी के).
सोयाबीन दाना 6,375 - 6,475, सोयाबीन लूज 6,225 - 6,275 रुपये.
मक्का खल (सरिस्का) 3,850 रुपये.