Opinion: हम सबकी ज़िम्मेदारी व समय की मांग है सिटिज़न जर्नलिज़्म

Opinion: हम सबकी ज़िम्मेदारी व समय की मांग है सिटिज़न जर्नलिज़्म
Citizen Journalism In India

डॉ. पवन सिंह मलिक
सिटिज़न जर्नलिज़्म शब्द जिसे हम नागरिक पत्रकारिता भी कहते है आज आम आदमी की आवाज़ बन गया है. यह समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए, संबंधित विषय को कंटेंट के माध्यम से तकनीक का सहारा लेते हुए अपने लक्षित समूह तक पहुंचाने का एक ज़ज्बा है. वर्तमान में नागरिक पत्रकारिता कोई नया शब्द नहीं रह गया है बल्कि आज इस विधा से न जाने कितने ही लोग अपनी सशक्त भूमिका को निभाते हुए दिखाई देते है. आज नागरिक पत्रकारिता के माध्यम से किये गये प्रयासों से अनेकों सकारात्मक परिवर्तन अपने आस-पास होते हुए दिखाई भी देते है. जैसे-जैसे नागरिक पत्रकारिता का व्याप ब़ढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके तौर-तरीकों में भी बदलाव दिखाई देने लगा है. आज शब्दों के साथ-साथ वर्चुअल मीडिया, न्यू मीडिया, क्रॉस मीडिया का महत्व भी बढ़ गया है. इसलिये नागरिक पत्रकारिता के लिये अब कलम के साथ-साथ माउस की ताकत, न्यू मीडिया की तकनीक व पहुँच को समझना भी आवश्यक हो गया है.

सिटिज़न जर्नलिज़्म के मायने:
हम नागरिक पत्रकार क्यों बने ? इस एक प्रश्न के सही चिंतन व विश्लेषण से ही सार्थक नागरिक पत्रकार बनने की दिशा तय होती है. तभी नागरिक पत्रकार किसी मीडिया संस्थान से न जुड़े होने के बावजूद भी निष्पक्ष भाव से समाचार सामग्री का सृजन कर पायेगा. नागरिक पत्रकारिता के कारण ही कौन से समाचार प्रकाशित एवं प्रसारित होंगे, ये निर्णय अब केवल कुछ मुठ्ठी भर लोगों का नहीं रह गया है. नागरिक पत्रकारिता की भूमिका व नये मीडिया तक उसकी पहुँच ने अब सारी सीमाओं को तोड़ दिया है. कभी-कभी तो यहां तक देखने में आता है कि किसी खबर को सर्वप्रथम नागरिक पत्रकारिता के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सामने लाया गया और बाद में मुख्यधारा के मीडिया में वो खबर प्रमुखता से छा गई. नागरिक पत्रकारिता एक ओर जहाँ समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निवर्हन है वहीं दूसरी ओर मीडिया में समाज की सहभागिता बढ़ाने हेतु एक तरीका व अवसर भी है.

यह भी पढ़ें: Durga Ji Ki Aarti Hindi Mein: जय अंबे गौरी... यहां पढ़ें दुर्गा जी की पूरी आरती

गूगल पर भारतीय बस्ती को करें फॉलो- यहां करें क्लिक
टेलीग्राम पर भारतीय बस्ती को करें सब्सक्राइब - यहां करें क्लिक
व्हाट्सऐप पर भारतीय बस्ती को करें  सब्सक्राइब - यहां करें क्लिक
ट्विटर पर भारतीय बस्ती को करें फॉलो - यहां करें क्लिक
फेसबुक पर भारतीय बस्ती को करें लाइक - यहां करें क्लिक

यह भी पढ़ें: Vande Bharat Speed: पहली बार देश के इस रूट पे वंदे भारत दिखाएगी अपनी पूरी पावर

सिटिज़न जर्नलिज़्म चुनौतियां व समाधान: 
सही मायने में नागरिक पत्रकारिता आम आदमी की अभिव्यक्ति है. आम आदमी से जुड़ी ऐसी अनेकों कहानियाँ है जो परिर्वतन की वाहक बनती है. व्यवस्था का ध्यान आकर्षित करना हो या व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करना हो, नागरिक पत्रकारिता धीरे-धीरे एक प्रभावी ज़रिया बनकर उभर रही है. नागरिक पत्रकारिता जहाँ पर एक अवसर व अपनी भूमिका को निभाने का एक सशक्त माध्यम दिखाई देता है, वहीं इसमें अनके प्रकार की चुनौतियाँ भी हैं. सबसे बड़ी चुनौती तो इस शब्द की स्वीकृति को लेकर ही कुछ वर्गो में दिखाई देती है. कुछ लोगों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति किसी सूचना व जानकारी को प्रचारित व प्रसारित करता है तो क्या उसे पत्रकार मान लिया जाए ? नागरिक पत्रकारिता की सही से समझ व अवधारणा को लेकर भी कभी-कभी विरोधाभास दिखाई देता है. समाज में इसका स्पष्ट व एक जैसे स्वरूप का निर्धारण भी अभी दिखाई नहीं देता. नागरिक पत्रकारिता के नाम पर किसी के जीवन के व्यक्गित पहलू जिसका समाज से सीधा-सीधा कोई सरोकार नहीं है एवं सनसनीखेज खबरों को सोशल मीडिया के माध्यम से दिखा देना भी एक बड़ी चुनौती है. इन सब चुनौतियों के बावजूद भी नागरिक पत्रकारिता में असीम संभावना है. वर्तमान तकनीक के माध्यम से पत्रकारिता के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, उपलब्ध माध्यमों का प्रयोग कर व्यक्ति नागरिक पत्रकारिता के रूप में अपने को स्थापित कर सकता है. नागरिक पत्रकारिता से शुरू होकर मुख्य मीडिया तक का सफ़र आज असंभव नहीं रह गया है. बस आवश्यकता है तो नागरिक पत्रकारिता के प्रति ठीक समझ विकसित करने की. इसके लिए उसे नागरिक पत्रकारिता के प्रकार, माध्यम एवं अभ्यास के तरीकों को अपनाना होगा. उसे यह समझना होगा कि नागरिक पत्रकारिता लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का एक मंच है. सूचना के अधिकार को किस प्रकार नागरिक पत्रकारिता का पर्याय बनाया जा सकता है यह भी उसको सीखना होगा. भाषा की शुद्धता और उसका स्तर बनाए रखना भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. नागरिक पत्रकारिता करते हुए किस प्रकार के विषयों का चयन किया जाए और उन्हें अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए छायाचित्र, वीडियो व ग्राफिक्स के महत्व को भी उसे समझाना होगा.

यह भी पढ़ें: Sleeper Vande Bharat में होगी ये खासियत, पैसेंजर्स को मिलेगा खास ट्रीटमेंट, पुरानी ट्रेन से होगी अलग

तकनीक ने किया सिटिज़न जर्नलिज़्म का विस्तार:
पिछले कुछ वर्षों में देश में नागरिक पत्रकारिता के लिए स्थितियां अनुकूल हुई हैं. इंटरनेट के विस्तार से इसे मजबूत रीढ़ मिली है. देश में डेटा की खपत अमेरीका और चीन की कुल डेटा खपत से भी ज्यादा है. नई पीढ़ी भी खबर की खोज में नए साधनों की ओर मुड़ने लगी है. नागरिक पत्रकारिता ने स्थापित मीडिया को हर क्षेत्र में ललकारा है. नागरिक पत्रकारिता के प्रभाव से मुख्यधारा का मीडिया भी अछूता नहीं हैं. उसमें उत्पन्न बदलावों को महसूस किया जा सकता है. इसे आगे बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है टेक्नोलॉजी ने. आज हर नागरिक अपने फोन के माध्यम से दुनिया के साथ हर पल जुड़ा हुआ है. वह कहीं से भी किसी को तस्वीरें, वीडियो और आलेख भेज सकता है. पहले कंटेंट का निर्माण कुछ विशेषज्ञों तक ही सीमित था.  मौजूदा दौर में इंटरनेट से जुड़ा तकरीबन हर व्यक्ति लगातार कंटेंट का निर्माण ही नहीं कर रहा बल्कि उसे सतत सम्प्रेषित भी कर रहा है. सोशल मीडिया ने ऐसे एप्लिकेशन विकसित कर लिए हैं जिससे तकरीबन हर कोई अपनी भाषा में, चाहे सीमित दायरे में ही क्यों न हो, एक मीडियाकर्मी बन चुका है. फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, वीचैट, टिकटॉक को आज किसी भी बड़े मीडिया संस्थान से कहीं बड़े मीडिया उपक्रम हैं. लेकिन ध्यान रखने की बात है कि इन सब प्लेटफॉर्म पर कंटेंट आम नागरिक ही बनाते और सम्प्रेषित करते हैं.

कंज्यूमर स्नैपशॉट सर्वे के अनुसार कोरोना लॉकडाउन से पहले एक यूजर्स सोशल मीडिया पर औसतन रोज 150 मिनट बिताते थे. वहीं 75 प्रतिशत यूजर्स ने जब फेसबुक, वॉट्सऐप औप ट्विटर पर ज्यादा टाइम खर्च करना शुरू किया तो यह डेली 150 मिनट से बढ़कर 280 मिनट हो गया. वर्तमान में भारत में तकरीबन 350 मिलियन सोशल मीडिया यूज़र हैं और अनुमान के मुताबिक 2023 तक यह संख्या लगभग 447 मिलियन तक पहुँच जाएगी. इस प्रकार हम देखते हैं कि सोशल मीडिया के सही उपयोग द्वारा सिटिज़न जर्नलिज़्म कैसे समाज व आम आदमी की आवाज बन सकता है. सिटिज़न जर्नलिज़्म की संभावना व भूमिका आने वाले समय और अधिक बढ़ने वाली है. ‘कभी भी युद्ध नहीं जीता जाता, बल्कि छोटे-छोटे मोर्चे जीतने के बाद ही युद्ध जीता जाता है’. इसी प्रकार सिटिज़न जर्नलिज़्म के रूप में आज छोटे-छोटे मोर्चो पर हमें अपनी भूमिका तय करनी होगी. उसके लिए जिस प्रकार के प्रशिक्षण, योग्यता व समझ की आवश्यकता है उसे सीखना होगा. तभी सिटिज़न जर्नलिज़्म के माध्यम से समाज में हम जिस प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन को लाना चाहते है, वो ला पायेंगे. यानि भरोसे से कहा जा सकता है कि इस राह का भविष्य उज्ज्वल है. (लेखक जे. सी. बोस विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के मीडिया विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर है)

On
Follow Us On Google News

ताजा खबरें

ED की रेड पर Ajay Singh ने देर रात जारी किया बयान, कहा- मेरे परिवार के बर्बादी की पट कथा लिख रहे हैं...
BJP विधायक अजय सिंह के दफ्तर पर छापा, MLA ने दी सफाई, तुलसियानी ग्रुप से जुड़ा है मामला
Stock Market: कुछ हफ्तों में 16% रिटर्न दे सकते हैं ये 3 शेयर
बिना बिजली के कैसे चलती थी भारत में AC ट्रेन? आजादी के पहले की ट्रेन वंदे भारत को देती थी टक्कर
CBSE Board result 2024: सीबीएसई बोर्ड इस दिन जारी कर सकता है 10वीं और 12वीं के रिजल्ट, जानें कैसे करें चेक
Tech Tips: कही आपका भी फोन तो नहीं है हैक,इस तरह करे चेक
UP Board Results 2024: यूपी बोर्ड में आ गए इतने नंबर की बेहोश हो गया छात्र, ICU में हुआ भर्ती
Vande Bharat News: स्टेशन छोड़ते वक्त खुला रह गया वंदे भारत का दरवाजा , रेलवे ने दिया जवाब
UP Board Scrutiny पर आई बड़ी खबर, जानें- कब तक कर सकते हैं आवेदन और कितनी लगेगी फीस?
UP Board Results 2024 | जेल में बंद कैदियों ने भी दी परीक्षा, आगरा से वाराणसी तक 186 बंदी हुए पास, देखें कौन कहां हुआ पास
UP Board Result Lucknow Toppers Marksheet: लखनऊ के टॉपर्स की ये मार्कशीट देखी आपने? इतने नंबर किसी ने देखे भी नहीं होंगे...
UP Board में Gorakhpur के बच्चों का जलवा, किसी के मैथ्स में 100 तो किसी को केमेस्ट्री में 99, देखें टॉपर्स की मार्कशीट
Indian Railway को 2 साल में वंदे भारत ट्रेन से कितनी हुई कमाई? रेलवे ने कर दिया बड़ा जानकारी
UP Board Results 2024: बस्ती के इस स्कूल में 10वीं और 12वीं के रिजल्ट्स में बच्चों ने लहराया परचम, देखें लिस्ट
UP Board Results 2024 Lucknow Toppers List: यूपी बोर्ड में लखनऊ के इन 9 बच्चों में लहराया परचम, जानें किसकी क्या है रैंक
UP Board Toppers List District Wise: यूपी के कौन से जिले से कितने टॉपर, यहां देखें बोर्ड की पूरी लिस्ट, 567 ने बनाई टॉप 10 में जगह
UP Board Results Basti Toppers Mark Sheet: बस्ती के चार बच्चों में 10वीं 12वीं के रिजल्ट में बनाई जगह, देखें उनकी मार्कशीट
UP Board Result 2024 Ayodhya Toppers List: 10वीं-12वीं के रिजल्ट में अयोध्या के सात बच्चों ने गाड़ा झंडा, यहां देखें लिस्ट
UP Board Result 2024: बस्ती की खुशी ने यूपी में हासिल की 8वीं रैंक, नुपूर को मिला 10वां स्थान
UP Board 10th 12th Result 2024 Basti Toppers List: यूपी बोर्ड ने जारी किए रिजल्ट, 12वीं के रिजल्ट में बस्ती मंडल का जलवा