कश्मीर पर अब करीबी दोस्त चीन से मात खा सकता है पाकिस्तान!
पाकिस्तान (Pakistan) के करीबी दोस्त चीन (China) ने अब जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir)पर अलग रुख अख्तियार कर लिया है.
पाकिस्तान की हाय तौबा के बावजूद भी चीन ने कहा कि कश्मीर (Kashmir issue) का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) के बीच अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा का प्रमुख विषय नहीं हो सकता है.
5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया.
कश्मीर पर भारत के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
China के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा-
एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने कहा कि जिन मुद्दों पर वे चर्चा करना चाहते हैं, उन पर निर्णय लेने के लिए मोदी और शी पर छोड़ दिया जाना चाहिए.
चीन के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने जानकारी दी कि ‘यह अनौपचारिक शिखर सम्मेलन और नेताओं की बैठक है.’
प्रवक्ता ने कहा- ‘मुझे लगता है कि बेहतर होगा कि हम नेताओं को चर्चा के लिए जितना समय देना चाहते हैं, उस पर चर्चा करने के लिए अधिक समय देने की आवश्यकता है.’
प्रवक्ता हुआ ने कहा कि ‘इस तरह के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए, मुझे लगता है कि नेताओं को ज्यादा समय देने से बेहतर है कि वे जो भी चर्चा करना चाहते हैं, उस पर चर्चा करें.’
Kashmir चर्चा का प्रमुख विषय नहीं हो सकता
हुआ ने कहा कि ‘कश्मीर दोनों नेताओं के बीच चर्चा का प्रमुख विषय नहीं हो सकता है. मुझे नहीं लगता है कि कश्मीर जैसी चीजें वार्ता पर हावी होंगी. नेता अपनी पसंद के अनुसार बात करने के लिए स्वतंत्र होंगे.’
पाकिस्तान के सहयोगी चीन ने पिछले महीने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने की कोशिश की.
बीजिंग (Bejing) और इस्लामाबाद (Islamabad) दोनों के लिए एक झटके के तौर पर यूएनएससी (UNSC) की बंद दरवाजे की बैठक, बिना किसी परिणाम या बयान के समाप्त हो गई.
Kashmir पर चीन ने कहा-
कश्मीर मुद्दे के समाधान पर चीन के रुख पर, हुआ ने दोहराया कि ‘हम कश्मीर को हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच एक समस्या के रूप में मानते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ हम जानते हैं कि कश्मीर के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प हैं इसलिए हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना और शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से हल किया जा सकता है.’
अगले महीने संभावित है शी की भारत यात्रा
अगले महीने राष्ट्रपति शी की भारत यात्रा पर, हुआ ने कहा कि ‘दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ बहुत निकट संपर्क बनाए हुए हैं, लेकिन तारीख और स्थल का खुलासा करने से इनकार कर दिया.’
उन्होंने कहा कि ‘मैं अभी तक विवरण की घोषणा करने की स्थिति में नहीं हूं. लेकिन मुझे लगता है कि बहुत जल्द आपको पता चल जाएगा, . लेकिन हम इस यात्रा के लिए उत्सुक हैं. चीन और भारत दोनों महान देश हैं.
भारत-चीन सीमा से जुड़े प्रश्न पर, हुआ ने कहा कि सभी स्तरों पर दोनों पक्षों के पास संचार के लिए बहुत उपयोगी और सहज चैनल हैं.
Indo China Border के सवाल पर दिया जवाब
उन्होंने कहा, ‘चीन हमेशा अपनी बात रखता है, हमने हमेशा अपनी बातें रखीं, और हमने कभी भी ऐसा कुछ भी करने का इरादा नहीं किया, जिससे चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को नुकसान पहुंच सके और हमें भारतीय पक्ष से भी यही उम्मीद है.’
प्रवक्ता ने कहा कि ‘दोनों पक्ष एक साथ मिलकर सुरक्षा करने, शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं.’
उन्होंने कहा कि ‘ सीमा और सीमा क्षेत्रों को शांति और स्थिरता रहे, ताकि हम आपसी विश्वास बढ़ा सकें और उन तरह की चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकें, जिसमें हमारे सहयोग को व्यापक बनाने सरीखी चीजें शामिल हैं.’
भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 21 प्रतिनिधि विशेष वार्ता की है. भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को कवर करता है.
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है, जबकि भारत इसका विरोध करता है.
Cpec -obor पर भी बोले प्रवक्ता
चीन के वन बेल्ट और वन रोड (OBOR) पर, उन्होंने कहा कि भारत इस पर राजी नहीं है.
बता दें भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर चीन का विरोध किया है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, (POK) के माध्यम से रखा जा रहा है. CPEC OBOR की प्रमुख परियोजना है.
इस मुद्दे पर हुआ ने कहा कि यह भारतीय पक्ष पर निर्भर है कि वे कब और कैसे एक बेल्ट एक सड़क से जुड़ सकते हैं, जैसा कि आप देख सकते हैं, एक बेल्ट वन रोड दुनिया भर के सभी देशों से अधिक से अधिक समर्थन मिल रहा है.
आईं थीं Indo China Border पर तनाव की खबरें
गौरतलब है कि समाचार रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मुताबिक दोनों देशों के सैनिकों के बीच उस समय आमना-सामना शुरू हुआ जब चीनी सैनिकों ने लद्दाख में 134- किलोमीटर पंगोंग त्सो में गश्त कर रहे भारतीय सैनिकों पर आपत्ति जताई.
रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी पक्ष की आपत्तियों के कारण दोनों पक्षों में हाथापाई हुई और दोनों पक्षों में तनातनी हो गई.
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