मुद्दों पर बिखरा विपक्ष
कांग्रेस (Congress) सहित संयुक्त विपक्ष के लिये हैरान होने का समय है जब वे जमीनी मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों तक पर अपनी दिशा नहीं तय कर पा रहे हैं।
व्यक्तिवादी विरोध की राजनीति के दिन लम्बे नहीं होते। अच्छा हो कि राष्ट्रीय मामलों में तथ्यों पर आधारित समर्थन और विरोध को आधार बनाकर विपक्षी दल जन मानस का भरोसा जीते। कांग्रेस की सबसे बड़ी मुश्किल यह कि वह अपना नेतृत्व नहीं खोज पा रही है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) मामले में जिस प्रकार से कांग्रेस के दिग्गज नेता वैचारिक स्तर पर विभाजित रहे उससे समझा जा सकता है कि कांग्रेस वैचारिक स्तर पर किस तरह से बिखराव की शिकार है। उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दल सपा और बसपा (Samajwadi Party and Bahujan samaj party) भी अपनी दिशा तंय नहीं कर पा रहे हैं। निहितार्थ यह कि राजनीति बदल रही है और जो राजनीतिक दल समाज और समय के समीकरणों को समझने की भूल करेंगे वे हाशिये पर चले जायेंगे इसमें संदेह नही।