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Lok Sabha Elections 2024: बस्ती लोकसभा सीट पर BJP की आसान नहीं राह, सपा नहीं ये लोग बनेंगे चुनौती!
BJP नेता Harish Dwivedi अभी हैं Basti Lok Sabha Seat से सांसद
Lok Sabha Election 2024: देश में आम चुनावों में अभी यूं तो साल भर का वक्त है लेकिन सियासी बिसात अभी से बिछने लगी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती लोकसभा सीट (Basti Lok Sabha Seat) पर भी अटकलों और सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दीगर है कि पिछले 2 बार से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रत्याशी हरीश द्विवेदी (Harish Dwivedi) इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले साल 2004 और साल 2009 में बसपा के नेता क्रमशः लालमणि प्रसाद और अरविंद चौधरी सांसद रहे थे. हालांकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हरीश द्विवेदी ने जिस विजय रथ पर सवार हुए उसे अभी तक कोई रोक नहीं पाया है.
लेकिन साल 2022 में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव के परिणाम, बीजेपी के लिए चिंताजनक रहे. जिले की पांच में से चार विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जीत दर्ज की. बस्ती सदर से महेंद्र नाथ यादव, कप्तनागंज से अतुल चौधरी, रुधौली से राजेंद्र चौधरी और महादेवा सीट से दूधराम ने जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी को सिर्फ हर्रैया सीट से जीत मिली. इस सीट पर अजय सिंह ने पार्टी की लाज बचा ली.
2024 में आसान नहीं होगी BJP की राह?
अब अगर साल 2024 के संदर्भ में सियासी समीकरणों की चर्चा करें तो इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं होगी. बस्ती सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां दलितों की आबादी 4 लाख 23 हजार, सामान्य की 4 लाख 15 हजार, अन्य की 1 लाख 50 हजार और ओबीसी की आबासी 7 लाख अनुमानित है.
माना जा रहा है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बस्ती की सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है. विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर बीजेपी को मिली हार के बाद सीट पर सियासी रुख में बदलाव का दावा किया जा रहा है.
क्या है इसकी वजह?
जानकारों का मानना है कि बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं है. बीजेपी के लिए चुनौतियां इस बार सपा, बसपा और कांग्रेस से नहीं बल्कि बीजेपी से ही है. विधानसभा की पांच में से सिर्फ 1 पर ही बीजेपी जीती. बाकी चार पर सपा ने जीत दर्ज की .
जानकारों का मानना है कि हालांकि इसके यह मायने बिल्कुल नहीं हैं कि बीजेपी की हार के चलते सपा जीती, बल्कि कुछ स्थानीय बीजेपी नेताओं की इच्छा पूर्ति के चलते ऐसा हुआ. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव तक अगर बीजेपी के बीच गुटबाजी और अंतर्द्वंद खत्म नहीं हुआ तो विधानसभा चुनाव की तरह ही 2024 के चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाले हो सकते हैं.
BJP और सपा के नेताओं ने किया ये दावा-
दूसरी ओर सपा और बीजेपी के नेताओं ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अभी से कुछ भी तय नहीं कह सकते हैं. सपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि अभी तो प्रत्याशी के नाम तक पर फैसला नहीं हुआ है, ऐसे में हार जीत की बात दूर है. हालांकि चार विधानसभा सीटों पर सपा की जीत से यह स्पष्ट है कि बस्ती सीट पर सपा ही लड़ाई में है. सपा नेता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशों का पालन करते हुए पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि बस्ती लोकसभा सीट हमारे खाते में आए.
उधर बीजेपी के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां जन-जन तक पहुंची है, ऐसे में पार्टी किसी भी कीमत पर यह सीट नहीं हारेगी. उन्होंने कहा कि सांसद हरीश द्विवेदी के 10 साल के कार्यकाल में लोकसभा में वृहद स्तर पर विकास हुआ और जिले की मूलभूत समस्याओं को दूर किया गया. बीजेपी नेता ने गुटबाजी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह बातें सिर्फ अफवाह हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी थी जिसके चलते बीजेपी चार सीटों पर हारी. बीजेपी नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बस्ती में पार्टी बीजेपी जिलाध्यक्ष महेश शुक्ला और सांसद हरीश द्विवेदी के नेतृत्व में आगे बढ़ेगी.
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