Basti Politics: कुछ ब्लाक प्रमुखों की कारस्तानी 2024 में भाजपा को पड़ सकती है भारी?
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. जी हां सुनने में अजीब सा लग सकता है मगर सच है की बस्ती में चौदह ब्लाकों में से कुछ उधारी पर चल रहे है. पंचायत चुनाव में जिन प्रत्याशियों ने अपना पैसा क्षेत्र पंचायत सदस्यों पर लगाया था. उनका बकाया अब तक कुछ ब्लाक प्रमुखों ने नहीं चुकाया है. जिससे असहज स्थितियां बनती दिख रही है.
प्रमुख चुनाव में हर ब्लाक में तमाम उम्मीदवारों ने प्रमुख बनने की आस में अपना तन, मन और धन लगाया हुआ था. सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा से थे. प्रमुख चुनाव में भाजपा का 14 में से 12 ब्लाकों पर कब्जा हो गया था. दावेदारी करने वाले तमाम लोगों को मन मसोस कर रहना पड़ा. उन्हें उनका लगाया पैसा वापस करने की बात हुई थी.
डेढ़ साल बीतने के बावजूद अब तक बकायेदारों को पैसा वापस करने की जगह टालमटोल करने की चर्चाएं जोरों पर है. एक ऐसे ही दावेदार ने अपना दुख बयां करते हुए कहा की उस समय बड़े नेताओं के कहने पर हम लोग मैदान से हट गये थे. क्षेत्र पंचायत सदस्यों पर खर्च हुई रकम को वापस करने की बात हुई थी. इसके बावजूद अब तक न ही रकम वापस हुई और न ही उसके एवज में काम ही मिला.
मजे की बात कुछ ब्लाकों में प्रमुख अपने आकाओं का हाथ छोड़ दूसरी नाव पर सवार होकर मलाई काट रहे है. जिससे पैसा लगाने वाले लोग प्रमुखों के बदले रवैये से हैरान-परेशान होकर राजनीतिक गलियारों में टहल रहे है. पैसा लगाने वाले लोग उसके एवज में लाभ भी चाहते है. मगर अबकी बार उन्हें धेला भी नसीब नहीं हो रहा है. जिससे जिले की राजनीति में असहज स्थितियां बनती दिख रही है.
अधिकांश ब्लाक प्रमुखों की कार्यशैली से ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों में साफ नाराजगी देखी जा रही है. कई ब्लाकों में पधानों का असंतोष खुलकर सामने आ चुका है. यही हाल कमेबेश क्षेत्र पंचायत सदस्यों का है. चूंकी गावों में प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का रसूख होता है और विधानसभा, लोकसभा चुनाव में इनकी मौजूदगी असर डालती है.
यदि प्रमुखों की मनमानी और प्रधानों की नाराजगी यूं ही बनी रही तो 2024 की डगर आसान नहीं होगी. राजनीतिक जानकारों का कहना है की इस नाराजगी को समय रहते दूर करने में ही पार्टी की भलाई है. वरना ये प्रमुख 2024 में भाजपा का गणित गड़बड़ करने के लिए पर्याप्त है.