बस्ती में टांय-टांय फिस्स हुआ गड्ढा मुक्ति अभियान!
•15 नवम्बर तक होना था सड़कों को गढ्ढा मुक्त
•जनप्रतिनिधियों ने साधा मौन
•जिले की आधी से ज्यादा सड़कें खस्ताहाल
बस्ती. शासन का फरमान सड़कों का गढ्ढा मुक्त अभियान बस्ती में धराशाई होकर कराह रहा है. ग्रामीण इलाकों की सड़कों का सबसे बुरा हाल है. जनपद में सड़कों का काम देख रही संस्थाएं कागजों में गढ्ढा मुक्त अभियान चला रही है.
जनपद में एक सांसद समेत पांच विधायक है. विकास से सीधा जुड़ा मामला होने के बावजूद भी जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठने लगे है. जनपद के बस्ती सदर, कप्तानगंज, रूधौली, महादेवा, हर्रैया विधानसभा क्षेत्रों में एक भी विधानसभा गढ्ढा मुक्त अभियान में पहले पायदान पर नहीं रहा. कागजों में ही सड़कें चमाचम हो गई है. गढ्ढा मुक्त अभियान को लेकर जिले भर में भले ही प्रशासन ने कमर कस कर जोरआजमाईश की हो. मगर धरातल पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
सवाल उठने लगे हैं की सड़कों के नाम पर सांसद, विधायक बने नेता बदहाल सड़कों पर क्यों नहीं बोल रहे है. आधे जिले की सड़कों की हालत खस्ताहाल है. गढ्ढों की भरमार से चलना दूभर है. गढ्ढायुक्त सड़कों के चलते रोजाना बड़ी संख्या में एक्सीडेन्ट होते है. इसके बावजूद गढ्ढामुक्त अभियान को लेकर शिथिल महकमें के जिम्मेदारों पर कब कार्रवाई होगी. सरकार की मंशा को धूल-धूसरित करने में लोक निर्माण विभाग, प्रान्तीय खण्ड की भूमिका संदिग्ध दिख रही है. देखना दिलचस्प होगा की शासन के गुढ्ढा मुक्त अभियान के फरमान पर जनप्रतिनिधि कब जिम्मेदारों को घेरेंगे.