डॉक्टर और मरीज के बीच की मजबूत कड़ी हैं फार्मासिस्ट-डॉ. राजेश कुमार प्रजापति
सरकार प्रदेश के प्रशिक्षित फार्मासिस्टों को अवसर दे-डॉ. वाहिद अली सिद्दीकी
विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर संगोष्ठी में उठे मुद्दे
बस्ती . ऑल इण्डिया फार्मासिस्ट फेडरेशन द्वारा रविवार को रोडवेज के निकट स्थित रिद्धि सिद्ध में विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वाहिद अली सिद्दीकी ने फार्मासिस्टों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि सरकार प्रदेश के प्रशिक्षित फार्मासिस्टों को अवसर दे तो स्वास्थ्य सेवाओं को बदहाली से बचाया जा सकता है. एक तरफ तो सरकार संविदा के चिकित्सकों से जैसे-तैसे काम चला रही है वहीं लगभग एक लाख 70 हजार से अधिक फार्मासिस्ट बेरोजगार है. उन्हें तत्काल सेवाओं से जोड़कर स्थितियों को संभाला जा सकता है. फार्मासिस्टों को प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर के रूप में उनकी नियुक्ति की जाय जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को सुधारा जा सके. कहा कि 2002 के बाद से अभी तक नियुक्तियां न निकालकर सरकार फार्मासिस्टों के हितों की खुली अनदेखी कर रही है. यदि शीघ्र समस्याओं का समाधान न हुआ तो फेडरेशन प्रदेश व्यापी आन्दोलन को बाध्य होगा.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं के अभिन्न अंग के साथ ही डॉक्टर और मरीज के बीच की मजबूत कड़ी हैं. इनकी समस्याओं का प्रभावी समाधान निकाला जाना चाहिये.
गोष्ठी को सत्येन्द्रनाथ मतवाला, श्याम प्रकाश शर्मा, रहमान अली रहमान, अजमत अली सिद्दीकी, हरिकेश प्रजापति, अजीत कुमार श्रीवास्तव, सागर गोरखपुरी, असद वस्तवी, सुधीर श्रीवास्तव, फूलचन्द्र चौधरी, बी.के. मिश्र आदि ने सम्बोधित किया. कवियों ने काव्य पाठ कर वातावरण को सरस बना दिया.
इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय, डॉ. पवन कुमार पाण्डेय, डॉ. मनोज कुमार चौधरी, डॉ. अमरनाथ सिंह, डॉ. उमेश सिंह, जफर अहमद अंसारी, श्यामनरायन चौधरी, रामतेज गुप्ता, रोशन लाल कन्नौजिया, राम महेश चौधरी, अभिषेक चौधरी आदि ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्टों के लिये स्पष्ट नीति बनाये जाने की जरूरत है. वर्षो तक प्रशिक्षण के बाद उनकी नियुक्ति न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. कहा कि दुखियों की सेवा फार्मासिस्टों का धर्म है. फार्मासिस्टों को उनका अधिकार मिलना चाहिये. सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों की मानक के अनुरूप नियुक्ति के साथ ही संख्या के अनुरूप उसकी समीक्षा की जानी चाहिये.
कार्यक्रम में मुख्य डॉ. ईश्वरचन्द्र, जय प्रकाश मौर्या, अरूण कुमार वर्मा, सौरभ पाण्डेय, अखिलेश चौधरी, मो. दानिश, अमित कुमार, विनोद गुप्ता, कैलाश चन्द्र चौधरी, विकास प्रजापति, चन्दन मिश्र, रंजय श्रीवास्तव, रामतेज गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, अनिल यादव, वीरेन्द्र गौतम, मधुर प्रकाश चौधरी, विनय कुमार, अनवर अली, अभिषेक चौधरी, शिव प्रसाद, प्रभात वर्मा, संजय श्रीवास्तव, आशुतोष गुप्ता, हर्ष कालरा, राहुल चौधरी, संदीप कुमार के साथ ही अनेक फार्मासिस्ट उपस्थित रहे.