पढऩे से बेहतर होता है मानसिक स्वास्थ्य, जानिए इससे मिलने वाले फायदे
साल 2009 में माइंडलैब इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया था कि पढऩे से प्रतिभागियों में तनाव लगभग 70 प्रतिशत कम होता है और यह एक कप चाय पीने या संगीत सुनने जैसी चीजों की तुलना में अधिक प्रभावी है.
अध्ययन के अनुसार, पढऩे से न सिर्फ एकाग्रता बढ़ती है बल्कि मानसिक समस्यओं से भी राहत मिलती है. आइए पढऩे से मिलने वाले मानसिक स्वास्थ्य लाभों को जानते हैं.
तनाव से मिलेगी राहत
आजकल हर कोई तनाव में ही अपना जीवन व्यतीत कर रहा है. काम का बहुत अधिक दबाव या काम में असफलता, मॉडर्न गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल और गलत दिनचर्या आदि कई कारण हैं, जो व्यक्ति को तनाव से घेर सकते हैं. खैर, अगर आप इन कारणों को खुद पर हावी नहीं होना देना चाहते और तनाव से दूरी बनाए रखनी है तो रोजाना कुछ मिनट अपने पसंदीदा विषयों की किताब पढऩा शुरू कर दें.
एकाग्रता बढ़ाने में मिलेगी मदद
यदि आपको लगता है कि आप किसी भी कार्य में ठीक से ध्यान नहीं लगा पाते हैं तो समझ जाइए कि आपकी एकाग्रता कमजोर हो गई है. इससे निपटने के लिए रोजाना कुछ मिनट किसी शांत जगह पर बैठकर कोई भी किताब पढऩा शुरू कर दें. ऐसा करने से आपकी एकाग्रता क्षमता बढग़ी और आप अपने हर काम को पूरे फोकस के साथ बेहतर तरीके से कर पाएंगे, क्योंकि पढ़ाई सभी तनावों को खत्म करने में कारगर है.
अनिद्रा की समस्या दूर होगी
नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. चैन की नींद सोने से शरीर तरोताजा महसूस करता है और इससे कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. हालांकि, अगर किसी भी कारण से आपका स्लीप साइकिल बिगड़ गया है तो रोजाना सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करने की बजाय किताब पढऩा शुरू कर दें. रोजाना सोने से पहले किताब पढऩे से आपकी नींद में धीरे-धीरे सुधार होने लगेगा.
संज्ञात्मक क्षमता को मजबूत करने में है कारगर
आधुनिकता की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसे कई कारण हैं, जो मनुष्य की संज्ञात्मक क्षमता प्रभावित कर सकते हैं . एसे में अगर आप रोजाना कुछ मिनट किताब पढऩा शुरू कर देते हैं तो यह आपकी संज्ञानात्मक क्षमता को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त, किताब जैसी चीजें पढऩा सहानुभूति विकास से भी जुड़ा हुआ है. इसलिए रोजाना कुछ मिनट किताब, नॉवल आदि चीजें पढऩा शुरू कर दें.