रेलवे के टिकट में वरिष्ठ नागरिकों को कब मिलेगी छूट..!
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. पूर्व रेलवे सलाहकार एवं समाजसेवी गौरव गुप्ता विक्की ने बताया कि कोरोना के पहले राजधानी और शताब्दी समेत सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकटों पर 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी . 60 से अधिक उम्र के पुरुषों और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे में सीनियर सिटीजन की श्रेणी में रखा जाता है. रेलवे के अधिकारी से इस बारे में मौखिक जानकारी मांगी गई कि सीनियर सिटीजंस कंसेशन को फिर से कब लागू किया जाएगा तो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं है .
कोरोना संकट के पूर्व सभी वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा टिकट में रेलवे बोर्ड द्वारा रियायत दी जा रही थी जिसका लाभ सभी वरिष्ठ नागरिक यात्री उठा रहे थे. कोरोना संकट के समय सभी तरह ट्रेन परिवहन सेवा बंद करने के साथ सभी सुविधा भी बंद हो गई थी.
पूर्व रेलवे सलाहकार गौरव गुप्ता विक्की ने बताया कि कोरोना संकट अब लगभग पूरी तरह से समाप्ति की ओर है. ऐसे में रेलवे के ट्रेनों का परिचालन भी अब नियमित होने लगा है. जितनी भी सेवाएं पहले बंद कर दी गई थी उसे शुरू कर दी गई है. ऐेसे में रेलवे बोर्ड द्वारा वरिष्ठों को दी जाने वाली रेल टिकट में रियायत भी पूर्ववत की तरह बहाल होनी चाहिए परंतु अब तक यह सुविधा बहाल नहीं होने से वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा के समय काफी आर्थिक संकटों का सामना करना पड रहा है.
गौरव गुप्ता के कहा की अगर वरिष्ठ नागरिकों के रियायत बंद करने का कारण यह है कि करोना काल में रेलवे को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए तो यह देश के वृद्ध जनों का भारी अपमान है . ढेर सारी जगह है जहां रेलवे द्वारा रुपया लुटाया जा रहा है . रेलवे ने ट्रेन के नंबर के आगे शून्य लगाकर टिकट में भारी बढ़ोतरी की जो अभी तक चल रही है. भारत देश के निर्वाचित राजनीतिज्ञों एवं उनके परिवार सहित रेलवे के उच्च अधिकारियों को रेलवे काफी रियायते देती है जिसमे रेलवे का काफी रुपया खर्च होता है. इससे हमे कोई शिकायत नही है. जिसका जो अधिकार है उसे उसे वह अधिकार मिलना चाहिए. ऐसी कई व्यवस्था है लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले रियायत से क्या रेलवे की हानि पूरी हो जाएगी. वरिष्ठ नागरिक जब वृद्ध हो जाता है तो असहाय हो जाता है हर तरह से दया का पात्र होता है. चाहे गरीब हो या अमीर हो ऐसे में रेल मंत्रालय को चाहिए कि पूर्व में मिलने वाली रियायत पुनः चालू करें.
गौरव गुप्ता ने कहा कि कोरोना संकट में सब कुछ बंद कर दिया गया था परंतु अब सभी बंद कर दी गई सुविधाएं शुरू कर दी गई है, पैसेंजर ट्रेन के बजाय मेमो ट्रेन चलायी जा रही है. यात्रियों को जनरल टिकट भी मिलना शुरू हो गई है. ‘फिर वरिष्ठ नागरिकों के प्रति इतनी असहिष्णूता क्यो है. ष्
अधिकांश वरिष्ठ नागरिक पेंशनजीवी होते है . उनके पास आय का कोई अन्य साधन नहीं होता है . ऐसे में उन्हें यदि लम्बी यात्रा करनी पडे, तीर्थयात्रा पर जाना पडे तो उनके लिए आर्थिक संकट निर्माण हो जाता है .
जिस तरह रेलवे बोर्ड कोरोना संकट में जितनी सेवाएं बंद की थी उसे पहली प्राथमिकता से शुरू कर रहा है तो इसी तरह ही वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली टिकट रियायत सुविधा भी बहाल कर वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक परेशानियों से राहत प्रदान करें.
गौरव गुप्ता विक्की ने मीडिया के माध्यम से सभी राजनीतिक एवं समाजसेवियों से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का निवेदन किया जिससे वरिष्ठ नागरिकों को उनका हक मिल सके.