स्थापना दिवस विशेष: भारतीय बस्ती के स्थापना दिवस पर कुछ मुक्तक
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डॉक्टर वीके वर्मा
बहुत ही दमखम से कह रहा हूं डॉ. वर्मा,
जन जन की आवाज है भारतीय बस्ती.
जिसमें ना हो कुछ फन,
वह फनकार नहीं है.
अतिथि यदि ना हो मुग्ध,
तो वह सत्कार नहीं है.
सच्चाई का हिमायती जो न
हो डॉ. वर्मा,
वह कुछ भी हो मगर,
कलमकार नहीं है.
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अखबार ना हो तो असत्य मर नहीं सकता.
आपका दुख दर्द कोई हर नहीं सकता.
अखबार प्रजातंत्र का है चौथा पहुरूवा,
अखबार ना हो भ्रष्टाचार डर नहीं सकता.
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डॉक्टर वीके वर्मा आयुष चिकित्साधिकारी जिला चिकित्सालय बस्ती
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