मई 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 7.04 प्रतिशत हुई
नयी दिल्ली देश में खुदरा मू्ल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई 2022 में घटकर 7.04 प्रतिशत रही जो इससे पिछले माह 7.79 प्रतिशत थी.
पिछले साल मई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.30 प्रतिशत थी.
सोमवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊंची बनी हुयी है. लेकिन इसमें अप्रैल में गिरावट से केंद्रीय बैंक की नीतिगत दर बढ़ाने की रफ्तार थोड़ी धीमी पडऩे की उम्मीद की जा सकती है. रिजर्व बैंक के सामने मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से दो प्रतिशत ऊंचे या नीचे के दायरे में रखने की जिम्मेदारी है.
रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए उदार ऋण नीति को वापस ले रहा है और इस क्रम में केंद्रीय बैंक मई और जून में दो बार में अपनी नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है. आरबीआई ने चार मई को मौद्रिक नीति समिति की समय से पहले बुलायी गयी बैठक में आरक्षित नगदी अनुपात (सीआरआर) 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था.
मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भी पिछले महीने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: आठ और छह रुपये की कमी की थी तथा इस्पात और पीवीसी के कच्चे और माध्यमिक माल को सस्ता करने के लिए कई कदम उठाए थे.
अप्रैल में 7.79 प्रतिशत पर खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्चतम स्तर पर थी.नयी दिल्ली देश में खुदरा मू्ल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई 2022 में घटकर 7.04 प्रतिशत रही जो इससे पिछले माह 7.79 प्रतिशत थी.
पिछले साल मई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.30 प्रतिशत थी.
सोमवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊंची बनी हुयी है. लेकिन इसमें अप्रैल में गिरावट से केंद्रीय बैंक की नीतिगत दर बढ़ाने की रफ्तार थोड़ी धीमी पडऩे की उम्मीद की जा सकती है. रिजर्व बैंक के सामने मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से दो प्रतिशत ऊंचे या नीचे के दायरे में रखने की जिम्मेदारी है.
रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए उदार ऋण नीति को वापस ले रहा है और इस क्रम में केंद्रीय बैंक मई और जून में दो बार में अपनी नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है. आरबीआई ने चार मई को मौद्रिक नीति समिति की समय से पहले बुलायी गयी बैठक में आरक्षित नगदी अनुपात (सीआरआर) 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था.
मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भी पिछले महीने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: आठ और छह रुपये की कमी की थी तथा इस्पात और पीवीसी के कच्चे और माध्यमिक माल को सस्ता करने के लिए कई कदम उठाए थे.
अप्रैल में 7.79 प्रतिशत पर खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्चतम स्तर पर थी.